आशा कार्यकत्रियों ने कटोरा लेकर मांगी भीख

 


प्रयागराज। पिछले 4 महीने से खातों में कोई धनराशि न आने पर आशा बहू में आक्रोश व्याप्त है। इसको लेकर उन्होंने आज जमकर प्रदर्शन किया।

पिछले चार महीनों से एक भी धनराशि खाते में नहीं आई है। स्वास्थ्य विभाग के जितने भी महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं उसे घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी हम आशा पूरी कर रहे हैं लेकिन जब उसके बदले प्रोत्साहन धनराशि आदि देने की बात आती है तो हमारी समस्याएं सुनने को कोई नहीं होता। ऐसी स्थिति में काम करना मुश्किल हो गया। यह कहना है कि प्रयागराज की आशा बहुओं का। इसको लेकर प्रदेश भर में तैनात करीब 1.57 लाख आशा परेशान हैं। पिछले चार महीने से वह सिर्फ काम तो कर रही हैं लेकिन भुगतान नहीं है। यही कारण है वह अब बड़े आंदोलन की राह पर निकल चुकी हैं।

पिछले एक नवंबर को ही प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश की आशा सीएचसी पीएचसी पर कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गई थीं। 'योगी तेरे राज में-कटोरा लिए हाथ में और 2 हजार में दम नहीं-20 हजार से कम नहीं'... जैसे नारों के जरिए सरकार से मांग कर रही हैं। अब 6 नवंबर को लखनऊ में बड़े आंदोलन की प्लानिंग की जाएगी।

आशा कार्यकर्तियों की मांग है कि राज्य स्वास्थ्यकर्मी का दर्जा देकर न्यूनतम वेतन, मातृत्व अवकाश, ईएसआई, भविष्य निधि, ग्रेडटी और पेंशन की गारंटी हो। 10 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा व 50 लाख के जीवन बीमा की गारंटी हो। कार्य कितने घंटे करना है यह तय किया जाए। वर्ष 2017 से अब तक के लंबित भुगतानों का आकलन कर उसका भुगतान सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश भर में भुगतान के नाम पर होने वाली वसूली को रोकने की व्यवस्था हो।

ज्ञात हो कि इन मांगों को लेकर एक नवंबर को प्रदेश भर में टीकाकरण कार्य को ठप कर दिया गया था। एक नवंबर को उप्र आशा वर्कर्स यूनियन के बैनरतले सिर्फ प्रयागराज ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी जनपदों के सीएचसी पर तालाबंदी किया गया। टीकाकरण कार्य को पूरी तरह से रोक दिया गया। चाका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला बंद कर दिया गया। हालांकि डिप्टी सीएमओ डॉ. नवीन गिरि उनके बीच में पहुंचे थे, आश्वासन भी दिया था कि शीघ्र ही उनकी प्रोत्साहन राशि मिल जाएगी।


Media report - (SAHITYA MEDIA  प्रयागराज संवाददाता) 


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