लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अपने कैम्प कार्यालय, 7 कालिदास मार्ग पर स्व. अशोक सिंघल की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मानवता की प्रतिमूर्ति स्व. अशोक सिंघल राष्ट्रवादी विचारधारा के सशक्त वाहक थे, जिनके अथक परिश्रम, तप और प्रेरक विचारों ने समाज में समरसता की भावना को गहराई से स्थापित किया। उन्होंने देश, समाज, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया और सदैव सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्षरत रहे।मौर्य ने कहा कि अशोक सिंघल सादगी, त्याग और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अद्वितीय प्रतिमूर्ति थे, जिन्होंने जीवन के सभी भौतिक सुखों को त्यागकर राष्ट्रसेवा को ही अपना एकमात्र लक्ष्य बनाया। उनका जीवन दर्शन न केवल अनुकरणीय है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बना रहेगा।उपमुख्यमंत्री ने स्व. सिंघल के श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी योगदान को याद करते हुए कहा कि वे इस आंदोलन के महानायक थे, जिन्होंने अपने नेतृत्व, तपस्या और अदम्य साहस से संघर्ष को राष्ट्रचेतना के विराट स्वर में परिवर्तित किया। उनके प्रयासों ने करोड़ों भारतवासियों के हृदय में सांस्कृतिक आत्मगौरव का नया प्रकाश फैलाया और भारतीय समाज को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का अभूतपूर्व कार्य किया। उनकी प्रेरणा शक्ति और दूरदृष्टि ने इस आंदोलन को न केवल धार्मिक, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का स्वरूप प्रदान किया।उन्होंने कहा कि धर्म, समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए अशोक सिंघल का जीवन एक तपस्वी कर्मयोगी का जीवन था। वे जीवन भर जनमानस को एकजुट कर राष्ट्रहित सर्वोपरि रखने की प्रेरणा देते रहे। उनका व्यक्तित्व आज भी प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की उनकी अवधारणा भारत के आत्मसम्मान की मजबूत नींव बन चुकी है।केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मातृभूमि की सेवा और धर्म रक्षा के लिए अशोक सिंघल के अद्वितीय योगदान को राष्ट्र युगों-युगों तक कृतज्ञ भाव से स्मरण करता रहेगा। उनकी विरासत केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना की अमर कथा है, जो आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देती रहेगी।

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