लखनऊ |पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश ने राज्य की पंचायतों को अधिक सक्षम, आत्मनिर्भर और नवाचारी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महाराष्ट्र में आयोजित होने वाली पाँच दिवसीय एक्सपोज़र विजिट के लिए 23 जनपदों से 29 प्रतिभागियों का चयन किया है। यह अध्ययन दौरा 7 से 11 दिसम्बर 2025 तक आयोजित होगा, जिसमें प्रतिभागियों को महाराष्ट्र की उन अग्रणी पंचायतों का भ्रमण कराया जाएगा, जिन्होंने नवाचारी कार्यप्रणालियों के आधार पर उत्कृष्ट विकास मॉडल स्थापित किए हैं।इस एक्सपोज़र विजिट का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों, युवा उद्यमियों और अधिकारियों को उन सफल प्रयोगों से परिचित कराना है, जिन्होंने महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों को नई दिशा दी है। यशदा, पुणे जैसे प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ओएसआर जनरेशन, सामाजिक उद्यमिता, बायोगैस आधारित ऊर्जा उत्पादन, सामुदायिक सहभागिता और राजस्व सृजन जैसी विविध कार्यप्रणालियों का प्रत्यक्ष अध्य्यन कराया जाएगा।पंचायती राज विभाग का मानना है कि यह पहल केवल एक अध्ययन भ्रमण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रतिभागियों के लिए सीख, समझ और दृष्टिकोण को व्यापक बनाने का दुर्लभ अवसर है। सीमित संसाधनों के बीच भी महाराष्ट्र की कई पंचायतों ने नवाचार के आधार पर अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय परिवर्तन किए हैं। उत्तर प्रदेश के प्रतिभागी उन सफल मॉडलों से प्रेरणा लेकर अपने-अपने ग्राम पंचायत क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक, नई अवधारणाओं और सामुदायिक सहयोग से विकास कार्यों में तेजी लाने की दिशा में ठोस प्रयास करेंगे।पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पंचायतों में विकास की अपार संभावनाएँ हैं, और महाराष्ट्र एक्सपोज़र विजिट का यह अवसर प्रतिभागियों को उन मॉडलों से रूबरू कराएगा जिन्होंने स्थानीय संसाधनों और नवाचारी सोच के आधार पर ग्रामीण विकास की दिशा में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अनुभव प्रदेश की पंचायतों को नवाचार आधारित विकास के मार्ग पर और तेज गति से आगे बढ़ाएगा।पंचायती राज विभाग के निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि चयनित 29 प्रतिभागियों के लिए यह यात्रा सीख और नेतृत्व विकास का महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि इस भ्रमण से प्राप्त ज्ञान और नए अनुभवों को प्रतिभागी अपने स्थानीय क्षेत्रों में लागू करेंगे, जिससे एक पंचायत की सफलता दूसरी पंचायत के लिए मार्गदर्शक बनेगी और प्रदेश में सतत् एवं नवाचारी विकास की नई श्रृंखला स्थापित होगी।पंचायती राज विभाग का यह प्रयास प्रदेश के ग्रामीण प्रशासन को अधिक सक्षम और दूरदर्शी बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है, जो अंततः “सशक्त पंचायतें ही सशक्त प्रदेश की नींव हैं” की अवधारणा को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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