चुनाव आयोग ने किया देशभर में एसआईआर का एलान, 12 राज्यों से होगी शुरुआत

 चुनाव आयोग ने किया देशभर में एसआईआर का एलान, 12 राज्यों से होगी शुरुआत



नईदिल्ली। चुनाव आयोग ने सोमवार को 12 अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एसआईआर की दूसरे चरण की प्रक्रिया बिहार के विधानसभा चुनाव के साथ शुरू हो जाएगी, जो फरवरी 2026 तक चलेगी। घर-घर गणना 4 नवंबर से शुरू होगी। इस दौरान चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी उपस्थित रहे।

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि बिहार में 7.5 करोड़ मतदाताओं ने एसआईआर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया, इसमें कोई भी अपील नहीं हुई। आगे दूसरे चरण का मुद्रण-प्रशिक्षण का कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक, घर-घर गणना 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक, ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसंबर को होगा। मतदाता सूची पर दावे-आपत्ति 9 दिसंबर, 2025 से 8 जनवरी, 2026 तक दाखिल होंगे। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी, 2026 को होगा।

चुनाव आयोग ने बताया कि जिन 12 राज्यों में एसआईआर होगा, उसकी मतदाता सूचियां आज रात 12 बजे के बाद फ्रीज कर दी जाएंगी। यह पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार में होगा। इन 12 राज्यों में कुल 51 करोड़ मतदाता हैं। बता दें कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में अगले साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।

सीईसी कुमार ने बताया कि पिछला एसआईआर 21 साल पहले 2001-2004 के बीच हुआ था। इसके बाद बिहार में किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले सभी वर्षों में बार-बार पलायन, दोहरे मतदाता पहचान पत्र, मृत मतदाताओं का नाम न हटाना और विदेशियों को गलत तरीके से शामिल करना जैसी घटनाएं हुई हैं, इसलिए आयोग ने पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर आयोजित करने का निर्णय लिया है। 1951 से देश में अब तक 8 बार एसआईआर हो चुका है।

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 24 जून को शुरू हुई इस प्रक्रिया के तहत घर-घर जाकर मतदाताओं का वेरिफिकेशन किया गया, फिर दस्तावेज लिए गए और मसौदा सूची प्रकाशित की गई। प्रक्रिया शुरू होने से पहले बिहार में 7.8 करोड़ मतदाता थे। इनमें से करीब 65 लाख के नाम कट गए हैं। बिहार में इस प्रक्रिया पर खूब राजनीतिक विवाद भी हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है।

एसआईआर एक तरह से नई मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया है, जिसमें काफी गहन तरीके से मतदाताओं की जानकारी इक_ा की जाती है। मतदाताओं की जानकारी के आधार पर मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है। चुनाव आयोग एसएसआर की प्रक्रिया करता रहता है, लेकिन एसआईआर की प्रक्रिया काफी गहन है। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव से पहले ये प्रक्रिया हुई है, जिसका काफी विरोध हुआ है। पिछले दिनों दिल्ली में इसकी तैयारी शुरू हुई थी।

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